श्रद्धा सुमन

मेरे माता-पिता


अप्पा जी (स्व.श्री प्रयाग नारायण टंडन)                   मेरी अम्मा (स्व.श्रीमती चंद्रकांता टंडन)



मेरे ए.टी.ज़ाकिर बनने में मेरे पूज्य दादा जी व मेरे माता-पिता का जो योगदान है उसके लिये मैं उनका आभार प्रदर्शित करूं या उन्हें धन्यवाद दूँ, मुझे बहत ही छोटा लगता है | इसीलिए मैं अपनी प्रत्येक साँस में उनको सादर नमन करता हूँ |








गुज़ारिश :
   
आपसे एक छोटी सी गुज़ारिश है |
शायद आपमें से भी किसी के घर में सपनों को पालने और उनमें जीने वाला कोई “बिल्लू” होगा | उसका दम मत घोंटिये ! उसे उड़ने के लिये पंख दीजिये, जैसे मेरे दादा जी व मेरे माता पिता ने मुझे दिये थे |
--फिर देखिए उसकी उड़ान और अपनी ख़ुशी !
यदि आप ऐसा कर सके तो यही मेरी रचनाओं के प्रति आपका सच्चा प्यार होगा |